रचना चोरों की शामत

मेरे बारे में

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कल्पना रामानी

लखनऊ में आयोजित नवगीत परिसंवाद के कुछ चित्र



 
 
 
 
 
 
 
 










 


2 comments:

आकुल said...

अविस्‍मरणीय पलों को देख कर सुख अनुभव हुआ। बधाई।

Syed Izhar Arif said...

प्रशंसनीय

पुनः पधारिए


आप अपना अमूल्य समय देकर मेरे ब्लॉग पर आए यह मेरे लिए हर्षकारक है। मेरी रचना पसंद आने पर अगर आप दो शब्द टिप्पणी स्वरूप लिखेंगे तो अपने सद मित्रों को मन से जुड़ा हुआ महसूस करूँगी और आपकी उपस्थिति का आभास हमेशा मुझे ऊर्जावान बनाए रखेगा।

धन्यवाद सहित

--कल्पना रामानी

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